आत्मशक्ति की पहचान करो
हर लक्ष्य हेतु पूर्ण प्रयास करो
समय नही ये विराम का
समय नही है विश्राम का
जो स्वप्न हैं इतने हृदय में
उठो ! उन्हे साकार करो
आत्मशक्ति की पहचान करो
हर लक्ष्य हेतु पूर्ण प्रयास करो
विचारों में हो तेज इतना
कि कोई ना उनको रोक पाए
ताप हो ऐसा हृदय में
कि सूरज भी अचरज पाए
जो चूक जाते हो लक्ष्य से तो
स्वयं को कदापि ना निराश करो
आत्मशक्ति की पहचान करो
हर लक्ष्य हेतु पूर्ण प्रयास करो
मान और सम्मान तेरा
बस तेरा अधिकार है
स्वामिनी है तू स्वयं की
दास यह संसार है
तोड़ कर सब बेड़ियाँ अब
तुम पुनर्विचार करो
आत्मशक्ति की पहचान करो
हर लक्ष्य हेतु पूर्ण प्रयास करो
तू है अंबा, तू है दुर्गा
तू ही शक्ति का रूप है
पाँव तो हर छण जलेंगे
जीवन कड़ी सी धूप है
पार सब कठिनाइयाँ कर
तुम स्व-उत्थान करो
आत्मशक्ति की पहचान करो
हर लक्ष्य हेतु पूर्ण प्रयास करो
जन्म तेरा इस धरा पर
निरर्थक, निरुदेश्य नहीं
आरम्भ है तू नव युग का
इस युग का अवशेष नहीं
जान कर अपने गुणों को
इस सृष्टि का कल्याण करो
आत्मशक्ति की पहचान करो
हर लक्ष्य हेतु पूर्ण प्रयास करो
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