Wednesday 24 June 2020

बहुत हुई बातें ज़िन्दगी की

बहुत हुई बातें ज़िन्दगी की, अब कुछ मौत की भी चर्चा होनी चाहिए
कितनी विषैली, विकृत, विकराल है से परे   

जीवन चंचल है विह्वल है; मृत्यु शांत है निश्छल है
जीवन संघर्ष है रण है;  मृत्यु एक सरल समर्पण है
जीवन मोह है बंधन है;  मृत्यु मुक्ति का अभिनन्दन है 
जीवन तृष्णा है पिपासा है; मृत्यु संतुष्टि है ईश्वर की अभिलाषा है 

जीवन धर्म है ज्ञान है खोज है; मृत्यु परिपालन है अनुकरण है भोग है
जीवन सहस्रों अध्यायों का संकलन है; मृत्यु समीक्षा है अभिकलन है
जीवन निरंतरता है, एक रोमांचक यात्रा है; मृत्यु ठहराव है मोक्ष का अंतिम पड़ाव है

मृत्यु इस यात्रा का अंतिम गंतव्य है; मृत्यु अंत नहीं अपितु प्रारंभ है; 
मृत्यु जीवन का अर्थ  सिखलाती है; मृत्यु ही ईश्वर से मेल कराती है
मृत्यु विध्वंस नहीं  क्रंदन नहीं एक सहज सरस आलिंगन है; 

जीवन तो बस एक छलावा है भ्रम है; मृत्यु ही परम सत्य है 
मृत्यु ही परब्रह्म है; इसीलिए 
जीवन के साथ-2 कभी क़दार मृत्यु पर भी चर्चा होनी चाहिए
कितनी विषैली, विकृत, विकराल है से परे