Wednesday 21 January 2015

विश्वास

एक नयी सुबह, एक नयी ऊर्जा,
सामने है फिर वही अपार
संभावनाओं भरा आसमान

फिर खड़े हैं आज हम,
बिखेरे इस मुख मंडल पर, 
वही, एक निश्छल सी मुस्कान
बढ़ रहे हैं कर्मपथ पर, 
भरे मन में साहस, करने 
हर चुनौती का सम्मान

एक नयी सुबह, एक नयी ऊर्जा...

फिर उठे हैं आज,
गिरने को इसी मरूभूमि में,
सोचते हैं चूर करने को
प्रकृति का अभिमान, 
चल रहे हैं इक सफ़र पर, 
खोजने उस नव स्वयं को, 
अब डर नहीं, चिंता नहीं
पर राह कब होती आसान ?

एक नयी सुबह, एक नयी ऊर्जा...

फिर डूबे हैं आज, चुनने को
कुछ अनमोल मोती, 
संकल्प है ना लौटने का
चाहे अब तजने हों प्राण
एक नयी सुबह, एक नयी ऊर्जा,
फिर सामने है, वही अपार
संभावनाओं भरा आसमान